The Ultimate Guide To Shodashi

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Kadi mantras are looked upon as one of the most pure and are often used for bigger spiritual methods. They can be connected to the Sri Chakra and they are thought to convey about divine blessings and enlightenment.

The graphic was carved from Kasti stone, a exceptional reddish-black finely grained stone utilized to vogue sacred photos. It had been brought from Chittagong in existing working day Bangladesh.

Goddess is commonly depicted as sitting about the petals of lotus that is certainly retained to the horizontal system of Lord Shiva.

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥

The Mahavidya Shodashi Mantra is also a robust tool for those seeking harmony in personalized associations, Artistic inspiration, and assistance in spiritual pursuits. Regular chanting fosters psychological healing, improves instinct, and can help devotees access increased knowledge.

षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति here जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या

देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥

The Mahavidya Shodashi Mantra fosters emotional resilience, helping devotees solution everyday living that has a serene and regular brain. This benefit is valuable for those experiencing worry, as it nurtures inner peace and a chance to maintain psychological equilibrium.

सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥

It is mostly observed that wisdom and prosperity usually do not continue to be with each other. But Sadhana of Tripur Sundari presents each and likewise removes illness as well as other ailments. He never ever goes underneath poverty and gets to be fearless (Shodashi Mahavidya). He enjoys many of the worldly happiness and gets salvation.

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